BADRINATH TEMPLE: बद्रीनाथ मंदिर में शंख न बजाने के पीछे है लक्ष्मी जी से जुड़ी यह धार्मिक मान्यता, पढ़िए वैज्ञानिक कारण भी

धर्म डेस्क, इंदौर। Badrinath Temple: बद्रीनाथ मंदिर चार धाम में एक धाम माना जाता है। यह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु के रूप बद्रीनारायण को समर्पित माना जाता है। हम सभी जानते हैं कि सनातन धर्म में पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के दौरान शंख बजाया जाता है। यह भक्तों द्वारा देवी-देवताओं के आह्वान का प्रतीक है। लेकिन बद्रीनाथ मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता। बद्रीनाथ मंदिर में शंख न बजाने का धार्मिक रहस्य है।

माता लक्ष्मी से जुड़ी है पौराणिक कथा

बद्रीनाथ मंदिर में शंख न बजाने को लेकर कई मान्यताएं हैं। शास्त्रों के अनुसार, एक बार धन की देवी माता लक्ष्मी बद्रीनाथ में बने तुलसी भवन में तपस्या कर रही थीं। इस दौरान श्रीहरि ने दैत्य शंखचूर्ण राक्षस का वध कर दिया था। सनातन धर्म में जीत की स्थिति में शंख बजाने का रिवाज है। लेकिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की तपस्या में बाधा नहीं डालना चाहते थे। इसी कारण भगवान ने शंख नहीं बजाया। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसलिए बद्रीनाथ मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता है।

शंख न बजाने के वैज्ञानिक कारण

बद्रीनाथ मंदिर में शंख न बजाने का एक वैज्ञानिक कारण भी है। सर्दियों के दौरान यहां बर्फ गिरती है। ऐसे में अगर समय रहते शंख बजाया जाए, तो इसकी आवाज से बर्फ में दरारें पड़ सकती हैं और यहां तक ​​कि बर्फीला तूफान भी आ सकता है। यही कारण है कि बद्रीनाथ मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता है।

इस बार बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे खुलेंगे। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। बद्रीनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालु बहुत उत्साहित रहते हैं। इस धाम को पृथ्वी का बैकुंठ धाम भी कहा जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

2024-05-06T09:10:36Z dg43tfdfdgfd