हमें घमंडी बोलते थे, पिछली सरकार के 17 मंत्री हारे; राज्यसभा में बोले मल्लिकार्जुन खरगे

राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि असल में संविधान सब पर भारी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं था। इससे पहले उन्होंने 1 जुलाई से ही लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों पर भी सवाल उठाए थे।

खरगे ने राज्यसभा में कहा कि मोदी ने कहा था कि एक अकेला सब पर भारी, असल में संविधान सब पर भारी है। उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव अहंकार तोड़ने वाला रहा। हमको घमंडी बोलते थे, लेकिन इनका घमंड टूट गया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के 17 मंत्री हार गए। लोकतंत्र में अहंकार वाले नारों की कोई जगह नहीं।

कांग्रेस चीफ ने यह भी कहा, 'राष्ट्रपति संसद का सबसे अहम हिस्सा हैं। इस साल राष्ट्रपति का पहला भाषण जनवरी में हुआ और दूसरा जून में हुआ। पहला भाषण चुनाव के लिए था और दूसरा उसकी कॉपी था। दलितों, अल्पसंख्यक वर्गों और पिछड़ा वर्गों के लिए उनके भाषण में कुछ नहीं था।' उन्होंने कहा, 'संसद में दिए गए राष्ट्रपति के अभिभाषण में न कोई दृष्टिकोण है और न ही कोई दिशा है।' उन्होंने कहा, 'पिछली बार की ही तरह सब सरकार के लिए तारीफों से भरा हुआ था।'

नए कानूनों पर सवाल

खरगे ने तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि इन तीनों कानून को विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करने के बाद पारित कराया गया था, लेकिन अब 'INDIA' (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) गठबंधन इस तरह से 'बुलडोजर न्याय' संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा।

खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'चुनाव में राजनीतिक एवं नैतिक झटके के बाद (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेता संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहे हैं, पर सच तो यह है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वे 146 सांसदों को निलंबित कर जबरन पारित किए गए।' कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आपराधिक कानूनों के संदर्भ में चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया है।

2024-07-01T07:07:41Z dg43tfdfdgfd