क्या है भगवान शिव की अभयमुद्रा, जिसका संसद में राहुल गांधी ने किया जिक्र; क्यों मच गया हंगामा?

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर आरोपों की बौछार करते हुए भाजपा को डराने वाली पार्टी और हिंसक करार दिया। बतौर नेता विपक्ष लोकसभा में दिए अपने पहले भाषण में राहुल ने पहले भगवान शिव का फोटो दिखाया फिर उनकी अभयमुद्रा का जिक्र कर भाजपा पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि अभय मुद्रा का हिन्दू धर्म समेत अन्य धर्मों में बड़ा महत्व है, जिसका संकेत भय से मुक्ति और सुरक्षा की भावना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न भी इसी अभयमुद्रा की तरह है।

राहुल ने आगे कहा कि अभय मुद्रा का अर्थ है, "डरो मत, डराओ मत।" उन्होंने कहा कि भगवान शिव, गुरू नानक, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने भी अभयमुद्रा का संकेत पूरी दुनिया को दिया है और साफ संदेश दिया है कि डरना और डराना मना है। राहुल ने कहा कि कुरान में भी लिखा है कि डराना मना है लेकिन सत्ताधारी दल के लोग डराने और हिंसा फैलाते हैं।

राहुल ने कहा, "जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, 24 घंटे हिंसा-हिंसा, असत्य-असत्य कहते हैं। वे लोग हिन्दू नहीं हो सकते।" उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, "आप हिन्दू हो ही नहीं क्योंकि हिन्दू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा रहना चाहिए, सत्य से नहीं डरना चाहिए। अहिंसा हमारा धर्म है। ये देश अहिंसा का देश है।" इस बीच सदन में सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने टोका-टोकी की तो राहुल ने कहा, "ये इसलिए चिल्ला रहे हैं क्योंकि दिल में जाकर तीर लगा है।" राहुल ने कहा, "हमने भाजपा का मुकाबला अहिंसा के साथ किया है।"

तभी सदन में हंगामा होने लगा। इसबीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये विषय बहुत गंभीर है। पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहा गया है, जो गलत है। इस पर राहुल ने तपाक से कहा, "हिन्दू का मतलब बीजेपी, आरएसएस और पीएम मोदी नहीं है।" केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राहुल गांधी के बयान की तीखी आलोचना की और कहा कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहना गलत है। शाह ने राहुल गांधी से अपने बयान के लिए सदन से माफी मांगने की मांग की।

2024-07-01T09:38:03Z dg43tfdfdgfd