ZIKA VIRUS IN INDIA: इस समय काटता है जीका वायरस का मच्छर, केंद्र ने दी चेतावनी, 6 लक्षण दिखते ही दौड़े अस्पताल

How to prevent zika virus: बरसात का मौसम आते ही जीका वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं, इसका कोई स्थायी इलाज या वैक्सीन नहीं है इसलिए बचाव बहुत जरूरी है, खासकर गर्भवती महिलाएं इससे बचाकर रहें।

महाराष्ट्र में ज़ीका वायरस (zika virus) के मामले बढ़कर 8 हो गए हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है। 2 जुलाई तक महाराष्ट्र में ज़ीका वायरस के आठ मामले सामने आए हैं। इनमें से छह पुणे से, एक कोल्हापुर से और एक संगमनेर से है। इन आठ मामलों में 2 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। पुणे में ज़ीका वायरस के मामले बढ़ते देख केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सलाह जारी कर इस बीमारी पर कड़ी नज़र रखने को कहा है।

ज़ीका वायरस का संक्रमण एडीज (Aedes) मच्छरों के काटने से फैलता है। यह बीमारी आमतौर पर वयस्कों में हल्के से मध्यम स्तर की होती है और इसके लिए किसी विशेष इलाज की जरूरत नहीं होती है। एडवाइजरी में सलाह दी गई है कि प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले लोगों की ठीक तरह से जांच की जाए। साथ ही सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को अपने परिसर को एडीज मच्छरों से मुक्त रखने को कहा है।

सरकार ने खासकर गर्भवती महिलाओं की जांच के निर्देश दिए हैं। इसकी वजह यह है कि गर्भवती महिलाओं में यह भ्रूण में माइक्रोसेफली (Microcephaly) का कारण बन सकता है - एक ऐसी स्थिति जिसमें मस्तिष्क के असामान्य विकास के कारण सिर का आकार काफी छोटा होता है।जीका वायरस क्या है?

WHO के अनुसार, जीका वायरस मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारी है। जीका वायरस मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है जो ज़्यादातर दिन के समय काटते हैं। यह वायरस खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है क्योंकि र्भावस्था के दौरान जीका वायरस संक्रमण से शिशुओं में माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात रोग होने के साथ-साथ समय से पहले जन्म और गर्भपात हो सकता है।

जीका वायरस कितना खतरनाक है?

इसे लेकर समस्या यह है कि इसके लक्षणों के बारे में समय से पता नहीं चल पाता है। इस वायरस से आपको बुखार, आंखों का लाल होना सिरदर्द, गर्भवती महिलाओं में होने वाले शिशु को माइक्रोसेफली रोग, वयस्कों और बच्चों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस जैसे खतरनाक रोगों का खतरा हो सकता है।

जीका वायरस के लक्षण क्या हैं

जिका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। जिन लोगों में लक्षण दिखाई देते हैं, उनमें ये लक्षण संक्रमण के 3 से 14 दिन बाद शुरू होते हैं और आम तौर पर हल्के होते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:

  • रैश
  • बुखार
  • आंखों का लाल होना (कंजंक्टिवाइटिस)
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • थकावट
  • सिरदर्द

कैसे पता चलेगा कि कोई जीका वायरस की चपेट में है?

ये लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। ये लक्षण डेंगू बुखार और चिकनगुनिया जैसी अन्य वायरल बीमारियों के समान होते हैं, इसलिए जिका वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए लैब टेस्ट करवाना जरूरी होता है।

​पुणे में मिले जीका वायरस के दो मामले​ ​

जीका वायरस का उपचार और रोकथाम

जीका वायरस इन्फेक्शन या बीमारी के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। चकत्ते, बुखार या जोड़ों के दर्द जैसे लक्षणों वाले लोगों को भरपूर आराम करना चाहिए, तरल पदार्थ पीना चाहिए। अगर लक्षण बिगड़ते हैं, तो रोगियों को चिकित्सा देखभाल और सलाह लेनी चाहिए। जीका वायरस संक्रमण की रोकथाम या उपचार के लिए अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है। यह मच्छर से होता है इसलिए हर हाल में मच्छरों के काटने से बचना जरूरी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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