तीसरी संतान होने पर छिन गई ग्राम प्रधान की कुर्सी, झूठे शपथ पत्र की खुली पोल

देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां तीसरी संतान होने पर ग्राम प्रधान को निलंबित कर दिया गया है. मामला डोईवाला ब्लॉक के प्रतीतनगर ग्राम सभा का है, जहां ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल को जिलाधिकारी सोनिका ने पद से सस्पेंड कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, 11 अप्रैल 2023 को डोईवाला ब्लॉक की प्रतीतनगर ग्राम सभा की रहने वाली बबीता कमल ने राज्य निर्वाचन आयोग, सचिव पंचायती राज और जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र लिखकर जानकारी दी गई कि ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल की तीन संतान हैं. इसी के साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2019 के पंचायत चुनाव में उनकी ओर से झूठा शपथ पत्र दिया गया, जिसमें सिर्फ एक संतान होने की बात की गई थी जबकि उनकी दो संतानें थीं. चुनाव के बाद वह प्रधान निर्वाचित हुए. इसी बीच 10 मार्च 2022 को उनकी तीसरी संतान हुई.

शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच के लिए पंचायत राज अधिकारी के नेतृत्व में विभागीय संयुक्त समिति बनाई गई. ऋषिकेश के नगर निगम , रायवाला के स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी, और स्वास्थ्य केंद्र मसूरी में जाकर टीम ने जांच कर डीएम को रिपोर्ट भेज दी गई. उत्तराखंड पंचायत राज नियम के मुताबिक, तीन संतान वाले व्यक्ति को ग्राम प्रधान की कुर्सी नहीं दी जा सकती है.

जांच में दोषी पाए गए ग्राम प्रधान

मुख्य विकास अधिकारी झरना कामठान ने जानकारी दी कि प्रतीतनगर ग्राम सभा के ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल के मामले की जांच पूरी हो गई है. तीन संतान से लेकर निर्वाचन के समय झूठे तथ्यों का उन्हें दोषी पाया गया है. जांच के दौरान संतोषजनक जवाब न मिलने पर डीएम को रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसके बाद ग्राम प्रधान पद से उन्हें निलंबित कर दिया गया है. अंतिम जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी.

उत्तराखंड में दो बच्चों से ज्यादा वाले भी बन सकते हैं प्रधान

गौरतलब है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि दो से ज्यादा बच्चे वाले लोग भी पंचायत का चुनाव लड़ सकते हैं. यहां बता देना जरूरी है कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एक समय सीमा की शर्त भी लगा दी थी. अदालत ने पंचायती राज संशोधन एक्ट को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 को मान्य कर दिया था. इसका मतलब था कि 25 जुलाई 2019 के बाद दो से ज्यादा बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वे लोग चुनाव लड़ सकते हैं.

2024-07-04T08:11:41Z dg43tfdfdgfd